महाकवि भास के नाटकों में शिक्षण व्यवस्था एवं स्त्रियों की स्थिति

Vol-8 | Issue-12 | December-2021 | Published Online: 15 December 2021    PDF ( 313 KB )
DOI: https://doi.org/10.53573/rhimrj.2021.v08i12.011
Author(s)
डाॅ. निरमा मीना 1

1संस्कृत विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर

Abstract

भास के समय में नारी समाज का एक प्रमुख अंग थी। माता, प्रेयसी, पत्नी और गृहिणी आदि के विविध रूपों में वह अपने कत्र्तव्य का सम्यक् निर्वाह करती थी। भासकालीन समाज में नारियाँ विभिन्न कलाओं में दक्ष होती थी। उनके विभिन्न नाटकों के अध्ययन के पश्चात् नारी शिक्षा का स्वरूप देखा जा सकता है।

Keywords
शिक्षण व्यवस्था, सहानुभूति, शिष्टाचार, तपस्विनी, सूत्रघार, प्रतिहारी।
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